ISRO Space Technology
इसरो को मिली 2023 में बड़ी सफलता:-
इसरो ने पिछले ही साल बहुत बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली हे. चंद्र के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को सरलता से उतारा गया है.सूर्य का अभ्यास करने के लिए भारत की प्रथम अंतरिक्ष आधारित वेधशाला आदित्य एल-१ का भी पिछले साल प्रक्षेपण हुआ, भारत चंद्र के अनछुए दक्षिण ध्रुव पर अंतरिक्षयान उतारने वाला प्रथम देश बन गया है गया है.
उपग्रह को फरवरी के मध्य में लॉन्च करने का लक्ष्य इनसेट-३डी और ३डी-आर की सेवाओं की सुरक्षा के लिए लॉन्च होगा:-
कुछ ही समय में भारतीय अंतरिक्ष संशोधन केंद्र इसरो एक बहुत बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रहा है. इसरो ने जानकारी दी की हवामान संबंधी माहिती देने वाला उपग्रह इनसेट-३ डी-एस का जीएसएलवी एफ-१४ की मदद से अंतरिक्ष में प्रक्षेपण होगा. प्रक्षेपण के लिए उपग्रह इनसेट -३ डी-एस को श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की तरफ से भेज दिया गया है. सैटेलाइट का पूरा संयोजन,एकीकरण और परीक्षण बेंगलुरु में स्थित यु.आर.राव उपग्रह केंद्र की ओर से संपन्न हो चुका है.
इस सैटेलाइट को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार करने में आया हुआ यूजर फंडेड प्रोजेक्ट है २२७५ किलो के लिफ्ट का द्रव्यमान के साथ इसरो के आइ-रके बस प्लेटफार्म के साथ उपग्रह को जोड़ने में आया है. इस उपग्रह के निर्माण में भारतीय उद्योग जगत का बहुत ही बड़ा योगदान है.लिफ्ट ऑफ द्रव्यमान इस रॉकेट का प्रारंभिक द्रव्यमान है. लिफ्ट ऑफ द्रव्यमान में कुल मिलाकर ईंधन और ऑक्सिडाइजर शामिल है. अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य फरवरी के मध्य भाग में उपग्रह का प्रक्षेपण करने का है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो उपग्रह समयसर ही लॉन्च होगा. इसरो ने जानकारी दी की इनसेट-३ डी-एस इसरो के द्वारा तैयार किया गया विशेष हवामान संबंधी उपग्रह है.
वर्तमान समय में जो सेवा इनसेट-३डी और ३डी-आर दे रहे हैं उनको महफूज रखने के लिए यह उपग्रह लांच किया जा रहा है. यह उपग्रह के लांच होने से इनसेट सिस्टम की क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसरो से मिली जानकारी के अनुसार इन सेट-३ डी-एस इसरो के द्वारा निर्माण किया हुआ हवामान संबंधी एक खास उपग्रह है, जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान कक्षा में इनसेट-३डी और ३ डी-आर उपग्रह को निरंतरता देने का और इनसेट प्रणाली की क्षमताओं को बढ़ोतरी देने का है. यह उपग्रह मिनिस्ट्री ऑफ अथॅ के साथ एक यूजर फन्डेड प्रोजेक्ट है. फरवरी के मध्य भाग में इस उपग्रह का प्रक्षेपण करने का इसरो का लक्ष्य है|
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