Site icon Mojuda Khabar

Junagadh 7 March शिवरात्रि मेले में शेरी नाटक की प्रस्तुति: अहमदाबाद के कलाकारों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को इस्तेमाल न करने का संदेश..

junagadh shivratri mela

junagadh shivratri mela

junagadh shivratri mela

प्लास्टिक, हमारे जीवन का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जिसके प्रति हमने इतनी बड़ी लापरवाही दिखाई है, कि हम इसके नकारात्मक प्रभावों को समझने में असमर्थ हो रहे हैं. प्लास्टिक का सिंगल यूज, जिसे हम एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं, हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है।

इस विषय पर गहराई से सोचने पर पता चलता है; कि प्लास्टिक के अनेक प्रकार हैं, लेकिन सिंगल यूज वाला प्लास्टिक सबसे अधिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है. इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद रिसाइकल करना मुश्किल होता है और इसे बड़ी मात्रा में उपयोग में लाने से हम प्रदूषण में वृद्धि कर रहे हैं।

junagadh shivratri mela

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस समस्या का सामना बढ़ रहा है, खासकर सोशल इवेंट्स और सामाजिक कार्यक्रमों में, जहां लोगों को सुविधा पहुंचाने के लिए प्लास्टिक का अत्यधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बुरी आदत के कारण, प्लास्टिक सड़कों पर फैला हुआ है और इसे सही तरीके से न फेंकने की वजह से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।

junagadh shivratri mela

हमें इस परिस्थिति को सुधारने के लिए अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. प्लास्टिक का सही तरीके से पुनः प्रयोग करना, रिसाइकल करना, और उसका सही ढंग से निस्तारण करना हम सभी की जिम्मेदारी है. इसके बिना, हम अपने आने वाले पीढ़ियों को स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के साथ नहीं छोड़ सकते।

गुजरात के सुखी संपन्न राज्य में स्थित जूनागढ़ जिले में हर साल आने वाले शिवरात्रि के त्यौहार के अवसर पर एक विशेष मेला आयोजित होता है. यहां भगवान शिव में आस्था रखने वाले श्रद्धालु पैदल चलकर आते हैं और इस धार्मिक अधिवेशन में समाहित होकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. लेकिन इस मेले के साथ ही एक गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो रही है, वह है प्लास्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल से उत्पन्न कचरा।

junagadh shivratri mela

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए अहमदाबाद की एक सामाजिक संस्था “भारती कम्युनिकेशन” ने क्रियाशीलता और शहरी नाटक का सही उपयोग किया है. इस संस्था ने नाटक के माध्यम से लोगों को प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूक किया है और उन्हें समझाया है, कि सिंगल यूज प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग न करें. नाटक के माध्यम से उन्होंने लोगों को सिखाया है, कि वे अपने उपयोग में आने वाले प्लास्टिक की चीजों को सही तरीके से रिसाइकल करें और पर्यावरण को बचाएं।

junagadh shivratri mela

इस संस्था के कलाकारों ने जूनागढ़ में आने वाले श्रद्धालुओं को रोककर नाटक के माध्यम से अपनी बात पहुंचाई है और उन्हें समझाया है, कि वे प्लास्टिक का सही तरीके से इस्तेमाल करें ताकि पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान न हो. यह एक अच्छा प्रयास है, जो लोगों को जागरूक करने और सही दिशा में प्रेरित करने में मदद कर सकता है।

junagadh shivratri mela

इस ग्रुप की प्रस्तुति गुजरात के मशहूर दिग्दर्शक “डीके पटेल” द्वारा की गई है, जिन्होंने अपनी कला और नाटक की विशेषज्ञता से इस समस्या को सामाजिक दृष्टि से प्रस्तुत किया है।

junagadh shivratri mela

प्लास्टिक से पर्यावरण और हमारे मानव जीवन पर हो रहे असर के बारे में बात करते हैं:

प्लास्टिक, जिसे हम आमतौर पर अपने दैहिक उपयोग और उपहारों के लिए इस्तेमाल करते हैं, एक समस्या बन चुका है, जो हमारे पर्यावरण और स्वस्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित कर रही है।

पर्यावरण की दृष्टि से, प्लास्टिक का अधिक प्रयोग हमारी पृथ्वी के लिए एक बड़ा खतरा बना है. एक बार इस्तेमाल होने के बाद, यह सामान या उपहार अक्सर धरती पर बिना सही तरीके से नष्ट हो जाते हैं और यह पर्यावरण को कई विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर सकता है. प्लास्टिक के कचरे की बढ़ती संख्या ने समुद्रों, नदियों, और अन्य जीवन क्षेत्रों में प्रदूषण को बढ़ा दिया है, जिससे जीवों के लिए जीवन की स्थिति में असुरक्षा हो रही है।

junagadh shivratri mela

मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से, प्लास्टिक के उपयोग से उत्पन्न कई सारे उत्पादों में धातुओं और रासायनिकों का समृद्ध होने का खतरा है. इन रासायनिकों का हमारे खाद्य और पीने के पदार्थों में शामिल हो जाना, सेहत के लिए नुकसानकारी हो सकता है और इससे विभिन्न बीमारियों का संभावनात्मक खतरा बढ़ सकता है।

इसलिए, हमें अपने उपयोग में सतर्क रहना चाहिए और प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने और पुनर्चक्रण के लिए उत्साहित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हम एक स्वस्थ और साफ पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

इस प्रकार, प्लास्टिक के अत्यंत प्रयोग से पैदा होने वाले समस्याओं का समाधान निकालना हमारे लिए अवश्यक है. सही तरिके से पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग करके, हम प्लास्टिक के प्रभाव को कम कर सकते हैं और एक स्वच्छ, स्वस्थ, और प्राकृतिक पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

यह खबर भी जरुर पढ़े..
https://mojudakhabar.com/savitribai-phule-death-anniversary/
https://mojudakhabar.com/facebook-news/

Exit mobile version