UP bus fire
आज उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर जिले में एक भीषण दुर्घटना हुई है, जिसमें एक बस के बिजली के तार के संपर्क में आने से पांच लोगों की मौत हो गई है और दस अन्य घायल हो गए हैं. इस अत्यंत दुखद घटना ने एक खुशी भरी बारात को अचानक गहरे दुःख की घड़ी में बदल दिया है।
आधिकारिक रिपोर्ट्स के अनुसार, बस विवाह स्थल मंदिर की ओर जा रही थी, जब इसमें कम से कम 30 यात्री सवार थे. अब स्थानीय प्रशासन और नागरिक आग बुझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता पहुंचाई जा रही है।
घटनास्थल पर जो दृश्य दिख रहे हैं, वे काफी भयावह हैं. आग की ऊंची-ऊंची लपटों को देखकर लोगों में दहशत महसूस हो रही है. लोग एकत्रित होकर आग को बुझाने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहे हैं।
आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावित लोगों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए, घटनास्थल पर तैनात किए गए आपातकालीन उत्तरदाताओं और अधिकारियों ने त्वरित कदम उठाए हैं. इन उत्तरदाताओं ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता पहुंचाने और प्रभावित परिवारों को समर्थन प्रदान करने का संकल्प किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, उन्हें 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. साथ ही, घायलों को भी 50,000 रुपये का मुआवजा प्रदान करने का निर्णय किया गया है. इसके माध्यम से सरकार ने पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा होकर उनके संघर्ष में समर्थन प्रदान करने का संकल्प जताया है. मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर अनिल राजभर और एके शर्मा गाजीपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
11 हजार वोल्ट का था हाईटेंशन तार
स्थानीय लोगों के मुताबकि, बस में आग लगने के काफी देर तक लोग बस दूर से देखते रहे। जब बिजली विभाग की ओर से हाईटेंशन तार से बिजली का कनेक्शन काटा गया, इसके बाद लोग और बचाव कर्मी बस तक पहुंच पाए। बताया जा रहा है कि जिस हाईटेंशन वायर की संपर्क में बस आई उसमें 11 हजार वोल्ट का करंट था। जैसे ही बस तार के संपर्क में आई, बस से चिंगारी निकलनी शुरू हो गई। यह देखकर कुछ लोग बस से कूद कर बाहर निकलने में कामयाब रहे, वहीं, कुछ लोग अंदर ही फंसे रह गए।
गाजीपुर के एसपी हादसे के बाद क्या बोले
हादसे के बाद गाजीपुर के एसपी ओमवीर सिंह ने इसे प्रशासनिक और बिजली विभाग की नाकामी बताया. एसपी ने कहा; कि मेले की वजह से रूट डायवर्ट किया गया था. हर साल इलाके में मेला लगता है और इसे देखते हुए रुट डायवर्ट किया जाता है. मेले की तैयारियों का जायजा लेने के लिए डीएम ने भी गांव का दौरा किया था।
प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई थी कि, मेले तक किन गाड़ियों को जाने की इजाजत होगी. जिस हाईटेंशन तार के संपर्क में बस आई, वह नीचे लटक रही थी. बिजली विभाग ने समय रहते इसे देखकर ठीक कर दिया होता तो, यह हादसा नहीं होता. जिन लोगों की मौत हादसे में हुई है उन्हें हम वापस तो नहीं कर सकते, लेकिन हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि, भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं हो।
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