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उत्तराखंड यूसीसी विधेयक: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश किया. इस बिल को पेश करते समय “जय श्री राम” और “भारत माता की जय” के नारे लगाए गए. यूसीसी पर बहस की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा विधानसभा में हंगामा किये जाने के कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है।
उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पास होने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा. साथ ही आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।
बदल जाएंगे कई नियम
• समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लग जाएगी.
• लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल तय की जाएगी.
• लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस पंजीकरण अनिवार्य होगा।
• अगर शादी रजिस्टर्ड नहीं है तो कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी.
• मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा और गोद लेने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी.
• दोनों पति-पत्नी को तलाक प्रक्रिया तक समान पहुंच प्राप्त होगी।
• कामकाजी बेटे की मृत्यु की स्थिति में वृद्ध माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी की होगी और उसे मुआवजा मिलेगा।
• अनाथ बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
• पति-पत्नी के बीच विवाद की स्थिति में बच्चों की कस्टडी उनके दादा-दादी को दी जा सकती है।
मार्च 2022 में, सरकार गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए, एक विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दी गई. बाद में सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई. गौरतलब है कि, गोवा में यूसीसी पुर्तगाली शासन के समय से ही लागू है।