JAPAN Moon Mission News Update
JAPAN के स्लिम मून प्रोब (एसएलआईएम मून प्रोब) ने वह कर दिखाया जो हमारे इसरो का चंद्रयान-3 (चंद्रयान-3) नहीं कर सका. एक जापानी स्लाइम भयानक ठंडी चाँदनी रात में बच गया. इतनी रात बीतने के बाद उन्होंने जापानी अंतरिक्ष एजेंसी से संपर्क किया. यह 19 जनवरी 2024 को चंद्रमा पर सबसे सटीक लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला जांच बन गया. लेकिन वो सीधे लैंड नहीं कर सका और गिर गया. हालाँकि, बाद में इसे वैज्ञानिकों द्वारा खड़ा किया गया।
Last night, a command was sent to #SLIM and a response received, confirming that the spacecraft has made it through the lunar night and maintained communication capabilities! 🌝🛰 #GoodAfterMoon #JAXA
— 小型月着陸実証機SLIM (@SLIM_JAXA) February 26, 2024
JAPAN Moon Mission News Update
अंतरिक्ष एजेंसी के संदेश का उत्तर दें
जापानी अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने ट्वीट किया; कि हमने कल रात SLIM को एक संदेश भेजा. उस मैसेज के मिलने के बाद उन्होंने उसका रिप्लाई भी किया. इसका मतलब है; कि हमारा अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर सबसे ठंडी रात से बच गया है. उन्होंने कहा कि; हमारी यह बातचीत कुछ ही बार हुई है लेकिन संभावना है, कि वह बाद में फिर शामिल होंगे. तापमान में सुधार होते ही यह फिर से सटीकता से काम करेगा।
JAXA ने ट्वीट किया
जापानी अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने ट्वीट किया कि; हमारा स्लिम से संपर्क टूट गया है, लेकिन चंद्रमा पर दोपहर हो चुकी है. संचार उपकरणों में तापमान अधिक होता है. जैसे ही तापमान गिरेगा हम आपसे दोबारा संपर्क करने का प्रयास करेंगे. गौरतलब है, कि जापान का पतला लैंडर चंद्रमा पर लक्ष्य लैंडिंग स्थल से केवल 180 फीट के दायरे में उतरा था।
Congratulations to Odysseus for a successful soft landing on the Moon! It is a huge achievement for a private company to take on the challenge of developing the difficult technology required for a new era of lunar transportation, and obtain so much data. We look to the future! https://t.co/brtXngKFN6
— 小型月着陸実証機SLIM (@SLIM_JAXA) February 26, 2024
चंद्रयान-3 सिर्फ एक हफ्ते तक ही चल सका
गौरतलब है, कि 1 फरवरी, 2024 को स्लिम लैंडर फिर से हाइबरनेशन में चला गया था. यानी चंद्रमा की लंबी ठंडी रात में सोया. अब यह फिर से जागृत हो गया है, लेकिन इसरो का चंद्रयान-3 नहीं जा सका. 23 अगस्त 2023 को लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 मिशन एक हफ्ते तक सक्रिय रहा. इस स्थान का नाम शिव शक्ति प्वाइंट रखा गया।
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